सेना भर्ती में दौड़
सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है, भर्ती के दौरान अभ्यर्थी को 1600 मीटर की दौड़ लगानी होती है। पिछली
भर्तियों के आंकड़े बताते हैं कि एक हजार में सिर्फ 90 युवा ही दौड़ में पास हो पाते हैं। भर्ती में भाग लेने वाले युवा हर
दिन पांच से आठ किमी दौड़ की प्रैक्टिस तो करते हैं, बावजूद वे भीड़ में वे भटक जाते हैं और फ़ैल हो जाते है| इसलिए जरूरी
है कि वे जोश और जुनून के साथ दौड़े।
ट्रेनरों के मुताबिक, अभ्यर्थी सुबह दौड़ने से पहले खाली पेट
नहीं रहें। ट्रैक पर पहुंचने तक शरीर को गर्म रखें। पहले दो चक्कर आराम से पूरे
करें। कभी भी पूरे पैर पर नहीं भागें। पंजों के बल भागने से अपने आप ऊर्जा मिलती
है। अंतिम दो चक्करों में पूरा जोर लगा दें|
फिज़िकल : दौड़ में
सफल होने वाले अभ्यर्थी से लंबी कूद और बीम निकलवाई जाती है। लंबी कूद में कम ही
युवा सफल रहते हैं। इस टेस्ट से पहले घबराएं नहीं। ध्यान रखें कि बीम बिलकुल सीधे
हाथ से निकालें और ठुडी को पाइप से ट्च करें। कई बच्चे बीच में कोहनी मोड़कर प्रैक्टिस
करते हैं जो बाहर हो जाते हैं। बीम के अलावा कोई भी फिजिकल ज्यादा मुश्किल नहीं
है।
पुशअप : ज्यादातर
युवा सीने के टेस्ट में फेल हो जाते हैं, इसलिए जिन युवाओं का जिनका सीना कम है, वे रोज दौड़ पूरी करने के बाद पुशअप जरूर निकालें। पुशअप ही सीना
बढ़ाने का एकमात्र तरीका है। सीना फुलाने के लिए युवा लंबी सांस लेनी की प्रैक्टिस
करें।
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